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कौन है 125 वर्षीय स्वामी सिवानंद, जिन्हे पद्म श्री से सम्मानित किया गया

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दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह में योग के क्षेत्र में 125 वर्षीय स्वामी सिवानंद जी को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने पद्म पुरस्कार लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिर झुका कर दंडवत प्रणाम किया, साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को दो बार दंडवत प्रणाम किया.

Image source: Zee news
125 वर्षीय स्वामी सिवानंद का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सभी लोग सिवानंद की एक से एक तारीफें लिख रहे है. वाराणसी के रहने वाले स्वामी शिवानंद को भारतीय जीवनशैली आयोग के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिल्ली बुलाया गया था जहां पर राष्ट्रपति के द्वारा उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

आनंद महिंद्रा ने स्वामी सिवानंद के इस वीडियो पर ट्वीट किया

सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जब उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने इस वीडियो को देखा तो उसे टि्वटर हैंडल पर शेयर किया और लिखा कि– “यह योग की शक्ति है,” उन्होंने ट्वीट किया। 125 साल के समर्पण का जीवन! स्वामी शिवानंद का आचरण और प्रतिष्ठा विनम्र और प्रेरक है। मुझे उस देश का नागरिक होने पर गर्व है जहां योग की उत्पत्ति हुई.”

स्वामी सिवानंद बायोग्राफी। Swami sivananda biography 

स्वामी सिवानंद योग आचार्य है. उनका जन्म 8 अगस्त 1896 को पश्चिम बंगाल के श्रीहट्टी जिले में हुआ था. बताया जाता है कि 6 साल की उम्र में स्वामी सिवानंद के बहन, मां और पिता एक ही महीने में मृत्यु शैया पर सो गए. कई जगह से ये भी पता चला कि उन्होंने अपने परिजनों को मुखाग्नि देने से मना कर दिया था. उनके माता-पिता भूख से मर गए थे जिस कारण से उन्होंने आजीवन आधा पोषण करने का संकल्प लिया और आज तक पालन करते हैं. वे आज भी उबला भोजन खाते हैं और सादगी में रहते हैं.
बंगाल से काशी पहुंचे जहां पर उन्होंने गुरु ओंकारनंद जी से शिक्षा प्राप्त की. वर्ष 1925 में अपने गुरु के आदेश पर विश्व भ्रमण किया. लगभग 34 देशों की यात्रा करने में 34 साल लगा दिया, जिसमें यूरोप ऑस्ट्रेलिया रोज जैसे देश शामिल है.
साल 1979 से भगवान भोलेनाथ की नगरी वाराणसी में रह रहे हैं उन्होंने वाराणसी में लोगों को योग और स्वस्थ दिनचर्या के लिए प्रेरित किया. रिपोर्ट की मानें तो स्वामी सिवानंद वाराणसी इसलिए रहते है, क्योंकि भगवान शिव शंकर यहां निवास करते हैं.
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