दोस्तों, आपलोग तो जानते ही होंगे हिंदू लोगों का नव वर्ष होली के त्यौहार से शुरू होता है। वहीं दूसरी ओर ब्रिटिश लोगों का नया साल 1 जनवरी से शुरू होता है। लेकिन ईरानी लोग नॉरूज़ से नव वर्ष का प्रारंभ करते हैं। इस बात को शायद कम ही लोग जानते हैं कि ईरान के लोग नॉरूज़ से अपना नया वर्ष मनाते हैं। तो चलिए जानते हैं, इस पर्व के बारे में।
नॉरूज़ या नवरोज दोनो का मतलब एक ही होता है, कई जगह आपने अलग अलग वर्ड पढ़ा होगा। लेकिन सभी का अर्थ एक ही होता है। नॉरूज़ ईरानी लोगों का नववर्ष है, जिसे फारसी में नया साल भी कहते हैं। यह उत्सव पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है। आपको बता दूं कि प्राचीन काल में नवरोज को ना सिर्फ ईरान में बल्कि ईरान के इर्द-गिर्द इलाके भी मनाते थे। पश्चिम एशिया, मध्य एशिया, बाल्कन काला सागर बेसिन और काकेशस में इसे 3000 से भी अधिक वर्षों से मनाया जाता है। यह त्योहार समाज में नववर्ष के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है
नवरोज यानी नववर्ष जिस प्रकार भारत में होली से नया साल की शुरूवात होती है, उसी प्रकार ईरान के लोग नवरोज से नया साल प्रारंभ होता है। भारतीय समय के अनुसार 21 मार्च से नववर्ष का पर्व है। इस उत्सव में लोग सगे संबंधी, एक दूसरे को कुछ खास भेंट देते हैं और मन की बातें बयां करते हैं।
यह पर्व आ जाने से पिछले कड़वाहट को भुलाकर अपने रिश्तेदारों से गले मिलते हैं और एक दूसरे को नए वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं। साथ ही नए नए पकवान बनते है।
गूगल ने नॉरूज़ 2022 को एक रंगीन डूडल के साथ मनाया है। 13 दिनों का यह पर्व बसंत विषुव के साथ शुरू होता है, जब सूर्य भूमध्य रेखा को पार करता है।
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