कहते हैं गुरु और शिष्य का ही रिश्ता ऐसा है, जहां पर गुरु सदैव अपने छात्र को शिक्षा देने के लिए तत्पर रहता है। गुरु अपने शिष्य को कभी कभार गलती करने पर डांटता या छड़ी से पिटाई करके शिष्य को सुधारने की कोशिश करता है। लेकिन कुछ छात्र इतनी जिद्दी होते हैं कि वह टीचर से ही बहस करना शुरू कर देते हैं। कई छात्र ऐसे भी होते हैं, जो टीचर की डांट को जीवन भर याद रखते हैं और उनके मन में बदला लेने की भावना रहती है।
मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बेल्जियम में एक ऐसी घटना सामने आई है, जहां पर 30 साल पहले एक प्राइमरी स्कूल में स्टूडेंट रहा शख्स अपने टीचर पर चाकू से हमला कर दिया है।
दरअसल, गंटर युवेंट्स नाम का एक शख्स प्राइमरी स्कूल में 30 साल पहले स्टूडेंट्स रहा था। अब वह 37 साल का हो गया है। उसने बताया कि 1990 के दशक की शुरुआत में अध्यापिका की बातें आज तक नहीं भूल पाया था। आगे कहा कि टीचर ने उसको सभी छात्र के सामने अपमानित किया और उस समय से बदला लेने की भावना मन में पनप रही थी।
वर्ष 2020 में गंटर ने प्राथमिक विद्यालय के अध्यापिका को 101 बार चाकू मारकर, पूरे शरीर को खुने–खून कर दिया, उसी समय अध्यापिका का प्राण टूट गया। गंटर ने यह बात खुद कबूली है कि उसने ही अध्यापिका का मर्डर किया।
वैसे पुलिस की बार-बार जांच के बावजूद अनसुलझी थी यह हत्या की गुत्थी। इस शख्स को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अब आगे देखना होगा कि कोर्ट इस शख्स पर कैसी कार्रवाई करती है।
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