दोस्तों, दुनिया में जल के अलावा दूसरा सबसे बहुमूल्य चीज़ वायु है. वायु हमें पेड़ो से आते हैं. लेकिन मनुष्य दिन पर दिन पेड़ों की कटाई करने में लगा हुआ है. एक मैं आपसे सवाल पूछता हूं आप जहां रहते हैं वहां कोई जंगल है क्या ? या पेड़ो की अधिक संख्या इर्द गिर्द दिखाई दे रही है. आपका जवाब होगा, नहीं. अरे जंगल तो जंगल अब तो पेड़ भी कहीं कहीं हमें देखने को मिलता है. इंसान को यह नहीं भूलना चाहिए कि मनुष्य पहले जंगल में ही रहता था और सबसे ज्यादा जीवित रहने का मेन कारण यही था कि वहां पर हमें शुद्ध ऑक्सीजन मिलता था.
आजकल तो जंगलों की कटाई करके बड़ी-बड़ी इमारत बना रहे हैं, लंबे लंबे पुल का निर्माण हो रहा है. एक दिन ऐसा आएगा फॉरेस्ट एक म्यूजियम बन जायेगा, जिसे देखने के लिए लोग जायेंगे कि कैसा जंगल होता है. Deforestation से निजात पाने के लिए हर मानव जाति को ये प्राण लेना होगा की वे अपने जीवन में एक पेड़ जरूर लगाएं. अगर हर मनुष्य एक एक पेड़ भी लगाए न, तो इस दिन में पेड़ो की कमी नही होगी.
जंगलों की कटाई को देखते हुए 21 मार्च 2012 को united nations महासभा ने जंगलों को बचाने हेतु एक अभियान चलाया जिसे forestry day के रूप में मनाते हैं ताकि इससे लोगों में जागरूकता फैल सके. यह अभियान वनों और वृक्षों को बचाने हेतु गतिविधियों को स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
FAO के 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, वन दुनिया के लिए जैव विविधता का लगभग 80 परसेंट घर है, जिसमें 60,000 से अधिक पेड़ प्रजातियां हैं. इस दुनिया में लगभग 1.6 बिलियन लोग भोजन आश्रय उर्जा दबाव और आय के लिए पूर्ण रूप से जंगलों पर निर्भर है.
इस रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि दुनिया हर साल 10 मिलियन हेक्टेयर जंगल हो रही है. इसका मतलब एक आइसलैंड के आकार इतनी फॉरेस्ट को काटा जा रहा है.
लेटेस्ट न्यूज़ के लिए इस वेबसाइट को सब्सक्राइब करें ताकि आने वाली नई खबर की नोटिफिकेशन सबसे पहले आप तक पहुंचे.