वीर कुंवर सिंह के परिवार संबंध रखने वाले परपोते की संदेहास्पद मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने कई जगह पर विरोध प्रदर्शन किया. घरवालों को कहना है कि दोषी के खिलाफ जल्द कार्रवाई करें और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी जल्द यहां पर पहुंचे.
दरअसल, मृतक जगदीशपुर का रहने वाला है, जो 1857 के स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह के वंशज बताया जा रहा है. मृतक का नाम रोहित उर्फ बबलू सिंह है. उनकी मां पुष्पा सिंह बीजेपी के नेता है, साथ ही दुर्गा शक्ति वाहिनी सेना की प्रदेश अध्यक्ष है. मृतक की मां का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या के पीछे पुलिसकर्मी और सीआईएटी के जवान है, जो बाबू वीर कुंवर सिंह के किला परिसर में तैनात थे.
घटना की सूचना मिलते ही जगदीशपुर के डीएसपी श्याम किशोर रंजन अपने दल बल के साथ पहुंचे और इस घटना के बारे में परिजनों से बात करने की कोशिश की, लेकिन गुस्साए परिजन ने उनकी एक न सुनी और हंगामा करते रहे.
आज यानी बुधवार को आरा से सटे जगदीशपुर में भी लोगों का आक्रोश जारी रहा. NH 30 आरा मोहनिया मुख्य मार्ग को नयका टोला मोड़ के समीप जाम कर दिया है. आक्रोशित लोगों ने पुल के डायवर्सन को तोड़ दिया और आगजनी की.
भोजपुर के एसपी विनय तिवारी ने बताया कि किले से तैनात सीआईएटी जवानों का आरोप लगाया जा रहा है, जिसकी जांच की जाएगी. एसपी ने आगे बताया कि मृतक बबलू के परिजनों के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करके दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होगी और जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा. बबलू को पुलिस हिरासत में लिए जाने और पिटाई किए जाने से एसपी ने साफ इंकार किया है. उन्होंने आगे कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा.
बिहार के पूर्व सीएम राबड़ी देवी को जैसे इस घटना के बारे में पता चला, वे दुखित हो गई. उन्होंने बिहार में लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े किए और आगे कहा कि “बिहार में सरकार विकलांग हो चुकी है. हर जगह लूट, हत्या हो रही है. नीतीश कुमार लॉ एंड ऑर्डर संभालने में असफल है. नीतीश कुमार की मनमानी चल रही है. वह जैसा चाहते हैं, वैसा ही करते हैं.”
गौरतलब है, 23 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जगदीशपुर आने वाले है. अगर बब्लू सिंह के आरोपी की जल्द से जल्द करवाई ना हुई तो यह मामला बढ़ता चला जाएगा. पुलिस को जल्द से जल्द जांच करके आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए ताकि 23 अप्रैल को कोई हंगामा न खड़ा हो.
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