अगर इंसान के इरादे मजबूत हो तो वो कुछ भी कर सकता है, इसके लिए किसी डिग्री की जरूरत नहीं. आपने एक चीज नोटिस किया होगा, अधिकतर सक्सेसफुल पर्सन के पास कॉलेज की कोई डिग्री नहीं है. ऐसा मैं कतई नहीं कह रहा कि आप कॉलेज मत जाओ, परंतु मेरे कहने का अर्थ यह है कि अगर आप 12वीं तक पढ़ाई किए हो और खुद को असफल मान लेते हो कि अब आप जीवन में कुछ नहीं कर सकते तो आप गलत हो क्योंकि बिना कॉलेज डिग्री के भी आप जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हो. बशर्ते, आप अपने गोल के प्रति फोकस करो. मैं जिस शख्स के बारे में बताने जा रहा हूं उनके पास भी कॉलेज की कोई डिग्री नहीं है, लेकिन फिर भी अपने जीवन में सफल हुए. मुझे पूरा विश्वास है, इनकी कहानी जानकर आप काफी प्रेरित होने वाले है, तो चलिए जानते हैं.
राहुल यादव एक एंटरप्रेन्योर और साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेटर है जिनका जन्म 7 मार्च 1998 को राजस्थान के अलवर जिले के नीमराणा तहसील के एक छोटे से गांव शेरपुर में हुआ था. उनके पिता का नाम शैतन सिंह था, जिनका 18 जुलाई 2020 में हार्ट अटैक के कारण देहांत हो गया था. उनके माता का नाम सरोज देवी है, जो एक गृहणी है. राहुल की दो बहनें भी है, जिनका नाम पूनम यादव और मंजू यादव हैं.
उनकी सारी शिक्षा दीक्षा बहरोड़ शहर में हुई. राहुल ने वर्ष 2014 में 12वीं की पढ़ाई सेंट्रल एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की, जो उदयपुर में है. 12वीं के पढ़ाई के बाद उन्होंने अपने जीवन में कुछ अलग करने का सोचा. आपको बता दूं कि राहुल बचपन से ही होनहार छात्र थे. वे टीचर से ऐसे ऐसे सवाल पूछते, जिनका जवाब टीचर के पास नहीं होता था. उनकी विज्ञान विषय में ज्यादा रूचि थी. आमतौर पर अधिकतर स्टूडेंट्स रट्टा मार पढ़ाई करते हैं, लेकिन राहुल के अंदर यह सब बातें नहीं थी वे जब तक किसी प्रॉब्लम की जड़ तक नहीं पहुंचते तब तक उसे सॉल्व करते रहते थे. यह उनकी खासियत थी, जो जीनियस स्टूडेंट्स में रहती है. हालांकि, उनका रिजल्ट 12वीं में 68 परसेंट ही आया था. कई लोग उनके रिजल्ट जानकर मजाक उड़ाते थे, लेकिन उन्होंने किसी को पलटकर जवाब नहीं दिया.
राहुल यादव का जिंदगी में तब टर्निंग प्वाइंट आया, जब उन्होंने अपने घर को छोड़ दिया और जिंदगी में संघर्ष करते रहे. उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक घर को छोड़ा था, उस दौरान दो-तीन महीने रेड़ी पर सब्जी बेचे थे. उसके बाद उनके मन में एक विचार आया कि क्यों ना इस व्यापार को बड़ा बना दिया जाए. धीरे धीरे इस व्यापार को आगे बढ़ाया और महीने के लाखों रुपए कमाते. उसी ढेड़ साल में किसी ने उनको कोडिंग सीखने में मदद की, जहां पर एचटीएमएल, सीएसएस, जावास्क्रिप्ट, c++ जैसे प्रोग्रामिंग भाषा सीखी.
उन्होंने महज 17 साल की उम्र में जीपीएस चैट का निर्माण किया. उनके दो दोस्तों (जिनका नाम देवेंद्र और साहिल गुप्ता है) ने मिलकर यह ऐप बनाया. हालांकि, यह इतना आसान नहीं था. उनके इस काम में googlepayinc.com के निदेशक बीएस यादव ने भी मदद की. राहुल ने इस ऐप को 14 अक्टूबर 2015 को गूगल प्ले स्टोर पर रिलीज किया. जीपीएस चैट में हिंदी सहित 20 भाषाओं में दोस्तों से बातचीत कर सकते थे. उनका इस ऐप को बनाने का मेन मकसद, महिलाओं की सुरक्षा था. कई बार कुछ लोग महिलाएं से चैटिंग करके, सब जगह शेयर कर देते थे. लेकिन इस एप से चैटिंग करने के बाद डाटा स्वत: डिलीट हो जाती है, जिससे महिलाओं को काफी सुविधाजनक होती थी चैटिंग करने में. यही नहीं, उन्होंने ‘मेरा बहरोड़’ नाम का एक और एप्लीकेशन बनाया, जिसे लोग काफी पसंद किए.
सूत्रों की मानें, तो राहुल यादव की टीम ने मिलकर 15 अगस्त 2021 को पाकिस्तानी मीडिया संस्थान डॉन न्यूज़ को हैक करके उनके लाइव स्ट्रीमिंग पर भारत का झंडा लहरा दिया, साथ ही ‘हैप्पी इंडिपेंडेंस डे’ लिखा नजर आ रहा था. आपको बता दूं कि राहुल की टीम का नाम इंडियन साइबर ट्रूप्स है, जिसमें 50 लोग काम करते हैं.
राहुल यादव एक से एक इनोवेशन करते रहे, जिसमें आरडीएसए स्मार्ट टेक जैसे इन्वेंशन भी शामिल है. उन्होंने ऐसा डिवाइस बनाया, जिससे अपार्टमेंट में चोरी को रोका जा सके. राहुल यादव एक तक नही रुके. उन्होंने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर, ऐसा कूलर बनाया जो एकदम ऐसी की तरह था. इस कूलर का नाम कुल कनेक्ट रखा. इस कुलर को रिमोट से भी कंट्रोल किया जा सकता था. उनके इस आईडियाज पर एक इन्वेस्टर्स ने अपना पैसा इन्वेस्ट किया. कंपनी अच्छी ग्रोथ कर रही थी, लेकिन कूलर बनाने में सस्ता मैटेरियल का यूज किया जा रहा था, लेकिन राहुल को इसकी जरा भी भनक नहीं थी. राहुल को तब मालूम चला, जब कस्टमर इस कूलर कि शिकायत करने लगे. देखते ही देखते यह बिजनेस फ्लॉप हो गया. उन पर करोड़ों का कर्जा आ गया. हालांकि, धीरे-धीरे उन्होंने सारा कर्जा चुका दिया.
राहुल यादव को नेता मंत्री पहचानने लगे हैं. हाल ही में केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने उनकी प्रतिभा को देखकर उन्हें सम्मानित किया. वे उनसे इतने प्रभावित हुए कि राहुल के साथ होली भी खेले. राहुल ने 2019 और 2014 में अमित शाह के साथ लोकसभा चुनाव प्रबंधन में बीजेपी के लिए भी काम किया और उनकी टीम कई लोगों की सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करती हैं.
राहुल ने कई पुलिस अधिकारी की मदद की, जिसमें हरियाणा पुलिस के डीएसपी विरेंद्र सिंह, गृह मंत्रालय के अधिकारी कपिल मीणा, पश्चिम दिल्ली पुलिस के एसीपी आशीष कुमार भरतपुर के एसएसपी अमनदीप सिंह कपूर की मदद की. वे आजकल गुरुग्राम में रह रहे हैं, जहां पर साइबर सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेटर ऑफिसर के रूप में काम कर रहे हैं.
राहुल ने 2018 में “डार्क वेब – एक अन्होनी” में प्रकाशित वेब श्रृंखला – “वी आर क्रिएटिव फिल्म्स” में अभिनेता के काम पर काम किया है और अब वह दिन दूर नहीं होगा, जब चारों ओर राहुल यादव का नाम गूंजेगा.
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