दोस्तों, हरेक शख्स के जीवन में सफल होने के पीछे माता-पिता का अहम रोल होता है. माता-पिता हमेशा अपने बच्चे को प्रोत्साहित करते रहते हैं, जिससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ सके. कई माता-पिता जिस फील्ड में होते हैं, उसी फील्ड में अपने बच्चे को डालने की कोशिश करते हैं. खासकर, फिल्मी दुनिया के माता पिता करते हैं. वे शुरू से ही सोचते हैं कि उनका लड़का बड़ा होकर एक स्टार बने और इसी सोच के साथ अपने बच्चे को वैसी परवरिश करते हैं. परंतु फिल्मेकर आर माधवन ने ऐसा नहीं किया, उन्होंने अपने बच्चे को उसी चीज में सपोर्ट किया जिस चीज में उनके बच्चे का शौक था. आज उनका लड़का पूरे विश्व में तैराकी के क्षेत्र में भारत का नाम रौशन कर रहा है. आइए आर माधवन के बेटे वेदांत माधवन के बारे में जानते हैं.
वेदांत माधवन एक भारतीय तैराक है. उनका जन्म 21 अगस्त 2005 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ था. वैसे उनका गांव का नाम जमशेदपुर(झारखंड) हैं. वेदांत प्रसिद्ध अभिनेता व फिल्म मेकर आर माधवन के बेटे हैं. उनकी मां का नाम सरिता बिरजे है, जो ऑस्ट्रिया के क्लागेनफर्ट में कपड़े की दुकान की मालकिन है. उनके दादा का नाम रगनाथन शेषाद्री था, जो टाटा स्टील में एग्जीक्यूटिव के रूप में काम किया करते थे. उनकी दादी का नाम सरोजा था, जो बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर थी.
वेदांत माधवन बचपन सिंह तैराकी की प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी थी. उन्होंने महज 4 साल की उम्र से तैराकी में पार्टिसिपेट लेना शुरू कर दिया था. उनके पापा उसे काफी सपोर्ट करते गए. वेदांत की मेहनत रंग ला रही थी. वे जब 7 साल के थे, तब स्टेट लेवल प्रतियोगिता में मेडल जीत चुके थे. उन्होंने शुरुआती पढ़ाई लिखाई मुंबई शहर में हुई. वेदांत ने मुंबई स्थित गोरेगांव के स्पोर्ट्स क्लब ज्वाइन किया, जहां पर उन्होंने तैराकी सीखनी शुरू की. वहां पर उन्होंने कपिल शेट्टी जैसे राष्ट्रीय स्तर के तैराक से मुकाबला किया. वे तैराकी प्रतियोगिता की तैयारी के लिए बेंगलुरु में 30 दिवसीय शिविर में शामिल हुए. उसके बाद दुबई के यूनिवर्सल अमेरिकन स्कूल में नामांकन लिया. इसी स्कूल से प्रोफेशनल तैराकी सीखी. वे दुबई स्कूल में बेहतरीन प्रदर्शन करके कोच को प्रसन्न करते गए. वेदांत ने 12 साल की उम्र में स्कूल लेवल कंपटीशन पुरस्कार भी जीता था. 14 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय लेवल वाले मुकाबले में भाग लेना शुरू कर दिया था.
उसके बाद उन्होंने 2018 में तीसरी एसएफआई ऑल इंडिया नेशनल क्लब चैंपियनशिप में भाग लिया. उसी साल 64वीं नेशनल स्कूल गेम्स में भाग लिया. वर्ष 2019 में डेनमार्क में हुए 36वीं सब जूनियर और 46वीं नेशनल एक्वेटिक चैंपियनशिप में पार्टिसिपेट लिया. उन्होंने 10वीं एशियन एस ग्रुप चैंपियनशिप में भाग लिया. वर्ष 2020 में हुए ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ में तैराकी प्रतियोगिताओं में पार्टिसिपेट लिया.
वेदांत ने अपनी तरह की प्रतियोगिताओं में कोई मेडल प्राप्त किए वर्ष 2021 में 47 की जूनियर नेशनल एक्वेटिक चैंपियनशिप में 7 पदक जीते हैं जिसमें 4 सिल्वर के साथ, तीन कांस्य पदक शामिल है. हाल ही में हुए डेनमार्क में इंटरनेशनल प्रतियोगिता (डैनिश ओपन) में गोल्ड मेडल जीतकर, पूरे भारत का नाम विश्व में रौशन किया. उन्हें 800 मीटर तैराकी प्रतिस्पर्धा में या गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ. उनकी इस सफलता पर कई सेलिब्रिटी ने तारीफ की.
आपको बता दूं कि वेदांत घर में इकलौते ऐसे शख्स हैं, जो मांसाहारी का सेवन करते हैं. उनका पूरा परिवार शाकाहारी यहां तक कि उनके दादा-दादी भी शाकाहारी थे वैसे भी दान का कहना है कि वे अपने शरीर को फिट रखने के लिए अंडे का सेवन करते हैं उनकी दिन की शुरुआत अंडे से ही होती है, साथ ही जिम में को पसीना बहाते हैं. वेदांत माधवन अपना आइडल वीरधावल खड़े को मानते हैं, जो भारत के मशहूर तैराक है. उनके कोच का नाम प्रदीप कुमार है, जो भारतीय फेडरेशन के प्रमुख है. वेदांत माधवन बताते हैं कि उनका सपना कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाना है, ताकि भारत का नाम रौशन हो सके.
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