सोशल मीडिया की कितनी ताकत होती है, इसका अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि नोएडा में मध्यरात्रि को एक 19 वर्षीय लड़का जब सड़क पर दौड़ रहा था. उसी समय फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने उनकी वीडियो बनाकर ट्विटर पर शेयर कर दी, जिसके बाद से यह वीडियो वायरल हो गया.
प्रदीप मेहरा की मां का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिस कारण प्रदीप बरोला से सेक्टर 16 दौड़ते हुए जाता है. प्रदीप की मां के मदद के साथ, उसकी भी लोग मदद कर रहे हैं. तो आइए जानते हैं, किन किन लोगों ने प्रदीप मेहरा के मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया.
> शॉपर्स स्टॉप ने प्रदीप मेहरा को 2.5 लाख का चेक दिया. प्रदीप को उनकी मां की इलाज और भारतीय सेना में शामिल होने के उनके सपने को पूरा करने के लिए यह चेक दिया ताकि उसकी आर्थिक स्थिति थोड़ी मजबूत हो सके.
> भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी ने प्रदीप को एक लाख का चेक दिया. नेहा जोशी, प्रदीप को चेक देने के लिए (नांगलोई) दिल्ली पहुंची, जहां पर उनकी मां से भी मुलाकात हुई.
> प्रगतिशील समाजवादी पार्टी युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेरठ की सिवाल खास से विधानसभा का चुनाव लड़े अमित जानी ने 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद की.
> फोटोग्राफर अतुल कस्बेकर ने पूमा के स्पोर्ट्स किट प्रदीप को प्रदान किया. इस कीट में दौड़ने वाले जूते, बैकपैक, मोजे, और अपेरल्स, जो एक डिब्बे में पैक करके फिल्मेकर विनोद कापरी के द्वारा प्रदीप तक पहुंचाया.
> गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल यथिराज ने प्रदीप से मुलाकात की थी और आगे की पढ़ाई और कैरियर काउंसलिंग करवाने की बात कही.
> लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने प्रदीप की योग्यता के आधार पर परीक्षा पास करने में उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया.
> पंजाब के मिनर्वा में एक फुटबॉल क्लब के निदेशक रंजीत बजाज ने, मोहाली अकादमी में मेहरा को प्रशिक्षित करने की पेशकश की है.
प्रदीप मेहरा का जन्म वर्ष 2003 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा ग्राम में हुआ था. उनकी मां का नाम बिना देवी है. प्रदीप निर्धन परिवार से संबंध रखते हैं. गरीबी के कारण उसने 12वीं तक पढ़ाई की, उसके बाद पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी.
प्रदीप नोएडा में सेक्टर 49 बरोला में रहता है, लेकिन उसे जॉब करने के लिए सेक्टर 16 जाना पड़ता है. बरोला से सेक्टर 16 की दूरी तकरीबन 10 किलोमीटर है. इस 10 किलोमीटर का सफर प्रदीप दौड़कर करते हैं. आपको बता दूं कि प्रदीप जहां पर काम करता है, वह एक इंटरनेशनल कंपनी है जिसका नाम मैकडोनाल्ड है. प्रदीप जॉब के लिए खुद से खाना बनाकर सुबह 8 बजे घर से निकल जाता है. उसके बाद रात्रि को घर आता है. प्रदीप का कहना है कि वह सेना में जाना चाहता है, इसलिए दौड़ कर जाता है जिससे उसकी प्रैक्टिस हो सके.
प्रदीप अपनी मां की इलाज के लिए भी यह नौकरी करता है ताकि उसकी मां का इलाज अच्छे से हो सके. उसकी मां दिल्ली में नांगलोई के एक अस्पताल में भर्ती है. प्रदीप की मां टीबी और आंतों की बीमारी से ग्रस्त है. उसकी मां के साथ बहन हरदम अस्पताल में उनका ख्याल रखती है. प्रदीप का बड़ा भाई भी है, जो उसी के साथ नोएडा में रहता है.
प्रदीप हमेशा की तरह सेक्टर 16 से नौकरी करके सेक्टर 49 बरोला अपने घर जा रहा था. पत्रकार और फिल्ममेकर विनोद कापरी ने रात में दौड़ते हुए प्रदीप की वीडियो बना ली और उस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दी.
विनोद कापरी ने प्रदीप से कहा– ‘आजा छोड़ देता हूं तुमको, तुम दौड़ते हुए क्यों जा रहे हो’ तब प्रदीप कहता है कि मैं दौड़कर ही जाता हूं. उन्होंने इस दौरान प्रदीप से नाम पूछा और कहा की– ‘कहां के रहने वाले हो’. प्रदीप ने इसके जवाब में बताया कि ‘मैं उत्तराखंड के अल्मोड़ा का रहने वाला हूं.’
विनोद कापरी ने आगे कहा ‘यह वीडियो वायरल हो जाएगा’ तो प्रदीप कहता है– ‘कौन पहचान रहा है हमको’ विनोद कहते है– ‘अगर वायरल हो गई तो’ तब प्रदीप कहता है– ‘वायरल हो जाने दो, गलत काम थोड़ी ना कर रहा हूं.’ विनोद कापरी ने फिर से कहा– ‘चलो मैं तुम्हे घर तक पहुंचा देता हूं.’ प्रदीप ने कहा– ‘नही, वरना मेरी रूटीन खराब हो जायेगी.’
लेटेस्ट न्यूज़ के लिए इस वेबसाइट को सब्सक्राइब करें ताकि आने वाली नई खबर की नोटिफिकेशन सबसे पहले आप तक पहुंचे.