प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम किया, जहां पर छात्र-छात्राओं को परीक्षा से अवगत कराया. मोदी ने छात्र छात्राओं से कहा– “आप लोग अपने आप से पूछिए कि ऑनलाइन पढ़ाई करने के दौरान आप सचमुच में पढ़ाई करते हैं या (सोशल मीडिया पर) रील्स देखते हैं.”मोदी ने आगे कहा– “दोष ऑफलाइन या ऑनलाइन माध्यम नहीं है, माध्यम समस्या नहीं है… मन समस्या है. मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है… जो चीजें ऑफलाइन होती है, वही चीजें ऑनलाइन भी होती है.”
मोदी ने परीक्षा पर चर्चा के दौरान अभिभावकों व शिक्षकों से कहा कि “मैं परिजनों और शिक्षकों से यही कहना चाहूंगा कि आप अधूरे सपनों… को बच्चों पर डालने का प्रयास न करें.”
मोदी ने आगे कहा– “परीक्षा जीवन का एक सहज हिस्सा है, हमारे विकास यात्रा का छोटे छोटे छोटे पड़ाव है. अब इस पड़ाव से हमे गुजरना है… हम गुजर चुके हैं. जब इतनी बार हम एग्जाम दे चुके हैं, एग्जाम देते देते देते एक प्रकार से हम एग्जाम प्रूफ हो चुके हैं. जब यह विश्वास पैदा हो जाता है तो यह नहीं आने वाली किसी भी एग्जाम के लिए यह अनुभव अपने आप में आपकी ताकत बन जाती है. इसे आपके अनुभव को जिस प्रक्रिया से गुजरे हैं. उसको आप कतई छोटा मत मानिए.”
दूसरा, “यह आपके मन में जो पैनिक होता है, क्या यह तो नहीं है कि प्रिपरेशन में कमी है. आप इस प्रेशर में मत रहिए पैनिक क्रिएट हो ऐसा वातावरण पनपने ही मत दीजिए जितनी सहज दिनचर्या आपकी रहती है. उतनी ही सहज दिनचर्या आप अपने आने वाली परीक्षा समय को भी बिताइए.”
दूसरे दोस्त क्या कर रहे हैं या कब पढ़ रहे हैं. उसको फॉलो ना करें, आप अपने अनुसार चलिए. जैसे आपकी शुरू से दिनचर्या है, वैसे ही परीक्षा के समय अपनाइए.”
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