भारतीय मूल के मलेशियाई व्यक्ति नागेंद्र धर्मलिंगम को बुधवार को सुबह सिंगापुर में फांसी दी गई. धर्मलिंगम के परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल हुआ है, खासकर उनकी मां को. धर्मलिंगम को बीते साल 10 नवंबर को फांसी दी जानी थी, लेकिन उनके परिवार वालों ने फांसी के खिलाफ याचिका दायर की थी.

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Image source: Reuters |
ड्रग केस में भारतीय मूल के मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को फांसी दिया गया
दरअसल, धर्मलिंगम को वर्ष 2009 में 42.72 ग्राम हेरोइन के साथ वुडलैंडस चेकप्वाइंट( प्रयद्विपीय मलेशिया के साथ एक कॉनवे लिंक) पर पकड़ा गया था. धर्मलिंगम ने अपनी जांघों में इन नशीली पदार्थों को छुपा कर रखा था. उसके बाद जांच एजेंसियों के द्वारा गिरफ्तार किया गया. वर्ष 2010 में कोर्ट के द्वारा वे दोषी पाए गए. वे पिछले कई वर्षों से सलाखों के पीछे थे, लेकिन वर्ष 2021 में उन्हें फांसी होनी थी, परंतु परिवार वालों ने कोर्ट से अपील की धर्मलिंगम को फांसी ना दी जाए. यह मामला आगे बढ़ा, 27 मार्च की सुबह धर्मलिंगम को फांसी दे दी गई.
धर्मलिंगम के परिवार वालों का कहना है कि वे मानसिक रूप से बीमार था, परंतु कोर्ट ने उनकी एक न सुनी. उन्होंने कोर्ट प्रशासन से गुहार लगाई कि उनकी सजा में नरमी बरती जाए परंतु कोर्ट में अपनी बात रखते हुए फांसी देने का आदेश दिया. धर्मलिंगम को बचाने के लिए उनके परिवार वालों के साथ दुनिया भर के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने एक मुहिम छेड़ी थी, परंतु वे भी उन्हें बचा न सके. धर्मलिंगम के वकील ने कहा कि उनका आईक्यू लेवल 69 था, जिस बात से पता चलता है कि वे मानसिक रूप से बीमार थे.
सूत्रों के मुताबिक, नागेंद्र धर्मलिंगम की उम्र 34 वर्ष बताई जा रही है, जो पिछले 12 सालों से जेल में सजा काट रहे थे.
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