कहते हैं बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा लीजिए कि भारत के बिहार राज्य से छात्र, सबसे ज्यादा आईएएस आईपीएस निकलते हैं परंतु बेरोजगारी के मामले में भी कम नहीं है. बिहार राज्य, भारत में बेरोजगारी के मामले में टॉप 10 की लिस्ट में आता है. बेरोजगारी बढ़ते देख युवाओं ने खुद का व्यापार करना शुरू कर दिया, खासकर नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए युवाओं में खासा क्रेज देखने को मिल रहा है. ऐसा ही पटना के BBA के छात्र ने मेगी का बिजनेस शुरू कर पूरे देश में धूम मचाया. उन्होंने अपने ठेल के पोस्टर पर आदरणीय नरेंद्र मोदी का चित्र लगाया है. अगर इसी तरह मोदी सरकार की बात मानते हुए, सभी युवा व्यापार करना शुरू कर दें तो भारत में बेरोजगारी कम हो जाएगी.

बिहार की राजधानी पटना में छात्र-छात्राओं का एक नया ट्रेंड चल गया है और कई पढ़ी-लिखी लड़कियां चाय का स्टाल लगा रही है और अच्छे पैसे कमा रही है. चाहे उन पैसों से अपना परिवार चला रही हो या अपने पढ़ाई का खर्चा. लड़कियों के बाद पटना के कृष्णापुर इलाके में बीबीए के छात्र ने चाय के ठेला की जगह maggi का ठेला लगाया है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं.
BBA मैगीवाला के बारे में जानें, जिन्होंने पटना में धूम मचा रखा है
रिशु राज एक मध्यम परिवार से संबंध रखते हैं. वे बचपन से होनहार छात्र थे. उन्होंने दसवीं तक सीबीएसई बोर्ड से पढ़ाई की. उसके बाद 12th में बिहार बोर्ड में एडमिशन कराया और अच्छे मार्क्स से पास आउट भी हुए. ग्रेजुएशन के लिए तमिलनाडु चले गए, जहां पर बीबीए की पढ़ाई के लिए कलासलिंगम एकेडमी ऑफ़ रिसर्च और एजुकेशन एडमिशन कराया. हालांकि, उन्होंने बीबीए पूरी कंप्लीट नहीं कि पैसे के अभाव के कारण पढ़ाई को बीच में छोड़कर मैगी का ठेला लगा दिया.
मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी पूरी कहानी बताई
रिशु राज ने कहा कि “मैंने यही सोचकर स्टॉल खोला है, क्योंकि मार्केट में जॉब नहीं है और बेरोजगारी हद से ज्यादा बढ़ रही है और सरकार भी बोल रही है आत्मनिर्भर बने. ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मतलब है अपना बिजनेस या स्टार्टअप खुद से करे तो इसलिए मैंने यह बिजनेस स्टार्ट किया.”
उन्होंने आगे कहा कि “मार्केट में बहुत सारे लोग चाय का स्टॉल खोला है. बचपन में हम लोग मैगी खाते थे, बड़े होने के बाद सभी लोग मैगी खाना भूल गए और टाइम भी नहीं है लोग के पास मैगी बनाने के लिए तो मैंने सोचा कुछ नया स्टार्ट करते हैं, तो मैगीवाला मार्केट में था भी नहीं. इसलिए मैंने मैगी का बिजनेस स्टार्ट किया.”
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि maggi का ठेला लगाकर लोगों को मैगी खिलाऊंगा. लेकिन किस्मत ने ऐसे धक्के मारे कि मजबूरन स्टार्टअप करना पड़ा. उनका यह भी कहना है कि अगर मेरा बिजनेस बड़ा हो गया तो कई युवाओं को मैं रोजगार दे पाऊंगा, जिससे बेरोजगारी में कमी आएगी.
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