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भोजपुर: एसपी विनय तिवारी ने भोजपुर जिले से ट्रांसफर होने के बाद क्या कहा

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आईपीएस के तौर पर विनय तिवारी अब प्रतिष्ठित अफसर में गिने जाने लगे हैं वजह भोजपुर में जिस तरह 10 महीने के अंतराल में काम करके दिखाया वो काबिले तारीफ है. उन्होंने भोजपुर जिले में कम समय में मालिको की चोरी हुई बाइक को लौटाया, चोरी हुई मोबाइल को जल्द लौटाना. यहीं नहीं, जिले में वन वे ट्रैफिक व्यवस्था को शुरू करना. उन्हें भोजपुर की धरती इतनी अच्छी लगी की फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की जहां पर अपनी बातों से लोगों का दिल जीत लिया. आइए जानते है, एसपी विनय तिवारी ने क्या कहा.

भोजपुर की धरती से ट्रांसफर होने के बाद दिल छू लेने वाली बात कही

एसपी विनय तिवारी ने कहा “आरा नगर और भोजपुर जिले में सेवा करने का सौभाग्य मिलना गर्व की अनुभूति है. व्यक्ति प्रकृति का अंग है. व्यक्ति और प्रकृति के बीच का संबंध ही भवसागर है। हमारे आसपास का सब कुछ प्रकृति ही है. शहर, नगर, जिला, यहां के लोग , यहां के पेड़- पक्षी- जंतु -जानवर, यहां का चिर स्थाई अस्तित्व सब प्रकृति की अलग अलग रूप की ही विवेचना है. अपने अस्तित्व और इस चिरंतन प्रकृति के संबंध को उसके उत्कृष्ट स्वरूप में जीना ही भवसागर को पार करने का एक तरीका है. दो समान अस्तित्वों के बीच सामाजिक रिश्ते बनते हैं, पर एक नगर और एक व्यक्ति के बीच अनोखा प्रेम संबंध बन जाता है. जैसे भोजपुर के साथ एक अद्भुत संबंध बना है. भोजपुर मुझे जितना प्रेम करता है उससे कहीं अधिक प्रेम मैं भोजपुर से करता हूं। ये नगर मुझमें है और मैं इस नगर में हूं. मेरी आत्मा का एक हिस्सा अब आरा है. आरा और मेरे बीच प्रेम का, चाहत का, अनोखा संबंध बन चुका है. एक गठजोड़ बंध गया है, जो किसी भी शक्ति के तोड़ने से नहीं टूटेगा. कोई भी शक्ति कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो पर वो प्रकृति और व्यक्ति के बीच के संबंधों को हिला नहीं सकती है. क्योंकि ये संबंध आत्मतत्व और परमप्रकृतितत्व का है. आत्म तत्व का एक हिस्सा अब भोजपुर में ही रहेगा और आत्मतत्व तो अविनाशी है, अच्छेद्य है, अदाह्य है, अक्लेद्य है, शाश्वत् है, सर्वगत है अव्यय है, सनातन है, अव्यक्त है, चेतन है, अचिन्त्य है, अविकारी है, अवध्य है, अज है, अमर है. कोई भी शक्ति आत्मतत्व को भोजपुर से अलग नहीं कर सकती है. ये शाश्वत संबंध बन चुका है और अब ये हमेशा रहेगा। शरीर कहीं भी रहे पर मन-आत्मा का एक हिस्सा अब आरा में ही रहेगा. भोजपुर अंतस तक बस गया है. आत्मा से भोजपुर अब अलग नहीं हो सकता है, जब तक जीवन है तब तक मन-मस्तिष्क मंदिर का एक हिस्सा भोजपुर में ही रहेगा. शरीर जगत में कहीं भी रहे पर आत्ममन का एक हिस्सा यहीं रहेगा. कभी कतीरा चौक पर रहेगा, कभी महूई घाट में स्नान करेगा, कभी शिवगंज की व्यस्तता का आनंद लेगा, कभी मां अरण्य देवी के दर्शन करेगा, कभी चंदवा मोड़ पर मुड़ेगा तो कभी रमना मैदान में टहलेगा.”

उन्होंने आगे कहा “भारत-भूमि की धान-भूमि-धन्य-भूमि भोजपुर जिले के सभी नागरिकों को अपार, अनंत, अद्भुत स्नेह. सभी को हमेशा सहयोग करने के लिए कोटि कोटि आभार. हम सभी लोग प्रेरित हों, हम सभी लोग उत्सुक हों. हम सभी लोग सकारात्मक हों, हम सभी का जीवन उदीयमान होता रहे. हम सभी सुखी रहें, सभी स्वस्थ रहें. सभी का मंगलकल्याण हो, कोई भी दुख का भागी न हो. हम सभी प्राणियों का जीवन अक्षय हो, अनंत हो, अनश्वर हो, शाश्वत हो.”
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