आजकल यूपीएससी परीक्षा में इंजीनियरिंग छात्र ज्यादा चयनित हो रहे हैं. चाहे उन्होंने आईआईटी से इंजिनियरिंग किया हो या एनआईटी से या किसी और एग्जाम निकालकर इंजीनियरिंग किया. अगर आप बीते 10 साल का रिजल्ट देखेंगे तो 50% से भी ज्यादा इंजीनियरिंग के छात्रों ने यूपीएससी बाजी मारी है. इस साल भी यूपीएससी परीक्षा में तीसरी रैंक होल्डर इंजीनियरिंग की छात्र है, जिनका नाम गरिमा सिंगला है और अधिकतर इंजिनियरिंग के छात्र यूपीएससी परीक्षा 2021 में सफल हुए हैं.
गामिनी सिंगला के बारे में जानें
गामिनी सिंगला ने यूपीएससी परीक्षा 2021 में तीसरा रैंक हासिल किया है. उनका जन्म हिमाचल प्रदेश में हुआ था. उनके पिता का नाम आलोक सिंगला है, जो एक डॉक्टर है. वही, माता नीरज सिंगला भी डॉक्टर है. दोनों लोग हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं.
गामिनी बचपन से मेघावी छात्र रही है. उन्होंने 12वीं तक प्राइवेट स्कूल से पढ़ाई की है. उसके बाद वर्ष 2015 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ में ऐडमिशन करवाया. 4 साल की पढ़ाई पूरा करने के बाद वर्ष 2019 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में पास किया. उसके बाद वह सिविल सर्विस की प्रिपरेशन करने लगी और उनका मेहनत का फल वर्ष 2022 मैं मिला. 30 मई 2022 को पूरे भारत में 3rd रैंक आया, जिसके बाद उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उनका परिवार इतना खुश हुआ कि श्री नैना जी के दरबार पर पहुंच गए.
गामिनी सिंगला ने मीडिया से बातचीत में कहा
“गामिनी सिंगला ने एएनआई से बातचीत में कहा, “मैं बहुत खुश और संतुष्ट हूं। सर्वशक्तिमान ने मुझे आशीर्वाद दिया है, मैं भगवान और मेरे पूरे परिवार को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मुझे भावनात्मक, नैतिक रूप से और मेरी पढ़ाई में भी समर्थन दिया … खुद पर विश्वास रखें, अपनी गलतियों को न छोड़ें और प्रतिबिंबित करें.”
यूपीएससी परीक्षा में सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग के छात्रों ने बाजी मारी
वर्ष 2019 के रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग के छात्र का यूपीएससी में सिलेक्शन हुआ. बल्कि सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी भी बने.
वर्ष 2011 में 149 आईएएस के सीट में से 66 इंजिनियरिंग के छात्र थे. वर्ष 2012 में भी 170 आईएएस के सीट में से 81 इंजिनियरिंग के छात्र थे. वर्ष 2013 में 180 आईएएस सीटो में से 63 इंजिनियरिंग के छात्रों ने बाजी मारी. 2014 में यूपीएससी के रिजल्ट में से, 180 आईएएस के सीट में 91 इंजिनियरिंग के छात्रों ने कब्जा जमाया.
वही, हाल 2015 का भी है, उस साल 180 ias के सीट में से 102 इंजिनियरिंग के छात्र थे. वर्ष 2016 में 180 आईएएस के सीटों में से 74 इंजिनियरिंग बैकग्राउंड से थे. वर्ष 2017 में भी 180 आईएएस सीटों में 82 इंजिनियरिंग के छात्रों ने कब्जा किया. वर्ष 2018 में आईएएस के कुल 180 सीटों में 70 इंजिनियरिंग के छात्र रहे थे. वर्ष 2019 में भी ias के 180 सीट में से 27 इंजिनियरिंग वाले छात्र थे.
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