लाइफ में सभी लोग सक्सेस होना चाहता है पर प्रश्न उठता है, आखिर कैसे ? कैसे सभी लोग सफल बने जैसे कि बिल गेट्स, जेफ बेजोस, एलन मस्क, मार्क जकरबर्ग और रतन टाटा. परंतु ऐसा कौन सा तरीका है जिनसे लोग सफल हो सकते हैं किस रूल को फॉलो किया जिससे इंसान सफल हो सकता है. सक्सेसफुल पर्सन के अंदर कुछ तो बात होगी जिससे यह सफल हुए. सब के सफल होने के नियम भले ही अलग होते हैं परंतु इन लोगों में एक चीज कॉमन रहती है वो है मेहनत. क्योंकि बिना मेहनत के कुछ भी संभव नहीं है और लगातार उस चीज को फोकस करना, जिसे आप प्राप्त करना चाहते हैं.
जब भी आप सक्सेस की राह पर होते हैं तो लोग आपको गिराने की कोशिश करते है. इसलिए ऐसे लोग से बहुत संभलकर रहना चाहिए क्योंकि ये लोग आपको आगे बढ़ता नही देखना चाहते है. इनकी कहीं बातों पर आपको विश्वास नहीं करना चाहिए और आपको अपने गोल पर फोकस करते रहना चाहिए. परंतु अगर आप सफल होने के बजाय असफल हो गए तो आपको कैसे डील करना है ये बातें बहुत कम लोगों को पता होती है. असफल होने के बाद, लोग काफी डिप्रेशन फील करते हैं. कई लोग अपने आप को खत्म तक कर लेते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अब मैं लाइफ में कुछ नहीं कर सकता, यह मेरे लायक नहीं है या मेरे बस की बात नहीं है. अगैरह वगैरह तरह के प्रश्न, इंसान के माइंड में आते रहते हैं. परंतु व्यक्ति को धैर्य से काम लेना चाहिए.
असफल होने के बाद लोगों के बोलने के तरीके बदल जाते हैं
जो लोग आपके सामने पहले मीठी मीठी बातें कहते थे, जब आपका बुरा समय होता है तो बोलने का तरीका बदल जाता हैं. आखिर उन लोगों क्या होता है चलो छोड़ो वह तो अगल-बगल के लोग हैं. लेकिन अगर आपकी फैमिली ही आपके बारे में यह सब बोले तो आपको कैसा लगेगा. माता पिता को समझना चाहिए कि जो पहले अच्छा तब तो आप बहुत तारीफ ही करते थे लेकिन जब एक बार ऐसा समय आ गया तो आपको साथ देने के बजाय, उन्हें फोर्स करते हैं. क्योंकि अच्छे नंबर नहीं आए पैरेंट्स बच्चो से कहते हैं मैं लोगों को क्या मुंह दिखाऊंगा. लोग अगर मुझसे पूछेंगे कि आपका लडका कितना मार्क्स लाया तो मैं क्या जवाब दूंगा. तुम्हारे चलते मेरा सिर शर्म के मारे झुक गया है, बताओ मेरी समाज में इज्जत ही क्या रही, तुम किसी लायक नहीं हो, तुम निकम्मे हो. ऐसी ऐसी बातें पेरेंट्स बच्चो को बोलते हैं. माना की बच्चा पढ़ाई में असफल हो गया, कोई अपराध तो नही किया न. पुलिस की तरह एक से एक सवाल पूछते रहते हैं.
सुसाइड जैसा कदम उठा लेते हैं
इसी कारण से बच्चे लोग सुसाइड जैसे स्टेप उठा लेते हैं कि कोई भी सुसाइड ऐसे नहीं कर लेता उसका लास्ट स्टेप होता है. उसे लगता है कि मुझे इस दुनिया में रहने का कोई हक नहीं है. माता-पिता को समझना चाहिए कि मेरा लड़का असफल हुआ है कोई जुर्म तो नही न क्रिया है. लेकिन बच्चे करें भी तो क्या करें चारों तरफ ताने सुनने मो मिलते हैं. पड़ोस के साथ-साथ आपकी फैमिली भी इस तरह से आपको बोलने लगती है. पेरेंट्स को और गुस्सा तब आता है जब पड़ोस के लोग अपने अपने बेटे की बधाई देने लगते हैं कि मेरा बेटा फर्स्ट डिवीजन से पास हुआ है. मेरा बेटा पढ़ने में काफी तेज और होशियार है. वैसे आपके बेटे का क्या रिजल्ट आया सुने है वो फेल हो गया कोई बात नहीं अगली बार पुनः प्रयास कर लेगा. उन लोगों के जाने के बाद तब तो पेरेंट्स ऐसे आग बबूला हो जाते हैं जैसे कि सामने बेटा कोई दुश्मन खड़ा हो. माता पिता बच्चों को बोलते है बताओ शर्मा जी का लड़का कितना नाम किया तुमने मेरी इज्जत मिट्टी में मिला दी. उसके बाद बच्चे के ऊपर डिप्रेशन हावी हो जाती है.
स्टूडेंट्स को हार नही माननी चाहिए
माना असफल हो गए आप लेकिन स्टूडेंट्स को समझना चाहिए हां तुम असफल हुए हो. लेकिन इतनी भारी मुश्किल भी नहीं आई है कि तुम अपने जीवन को समाप्त कर लो. आपको जिंदगी में आगे बढ़ना है, इस तरह कई परिस्थितियां सामने आयेगी लेकिन फिर भी अपने हौसले को कम नहीं करना है. आपको धैर्य से काम लेना होगा. आज जो भी लोग तुम्हारे खिलाफ बोल रहे हैं कल वो ही लोग तुम्हारी सफलता पर तालियां बजाएंगे और वो सारी बातें भूल जाएंगे. वे लोग तुमसे इंस्पायर होंगे और तुम्हारे जैसा बनने की कोशिश करेंगे. इसलिए आपको धैर्य बनाकर रखना होगा बुरा वक्त है कुछ समय के लिए, जिस प्रकार काली रात के बाद एक नया सवेरा आता है. इसलिए आप अपने ऊपर विश्वास रखें आपका भी समय आएग, वैसे भी लोगों का काम होता है कहना. भगवान इसलिए ऐसा समय देते हैं ताकि आप अपने अंदर के छुपे गुण को पहचानो और दुनिया के सामने टैलेंट प्रकट करो.
इसी तरह की जानकारी के लिए इस वेबसाइट को सब्सक्राइब करें ताकि आने वाली नई खबर की नोटिफिकेशन सबसे पहले आप तक पहुंचे.