भारत सरकार लिक्विड फाइट नेचुरल गैस सीएनजी को देश के सभी बंदरगाहों पर स्टोर करने की कर रही है. तैयारी इससे जुड़े सीनियर अधिकारियों ने जानकारी दी है कि वित्त वर्ष के अंत अंत तक एक योजना का रूप दे दिया जाएगा. भारत सरकार 20000 करोड़ निवेश करके देश का सभी बंदरगाहों पर एलएनजीए स्टोर करने की कंपनी बनाना चाहती है. सरकार की इस योजना में पर्सनल सेक्टर की मदद ली जाएगी. भारत के इस समय 12 बड़े बंदरगाह हैं जिसमें कोचीन और कांडला पहले से एनर्जी स्टोरेज सर्विस उपलब्ध करते हैं. भारत सरकार का कहना है कि एलएनजी टर्मिनल पानी में चलने वाले जहाज की फीलिंग सर्विसेस के लिए जरूरतमंद होगा, इसके साथ-साथ भारत में कारोबारी और शहरों में गैस की मांग को पूरा करने के लिए स्टोरेज बेहतर साबित होगा.
भारत सरकार का कहना है कि पानी में चलने वाले जहाजों के लिए एलएनजी एक महत्वपूर्ण इंधन के रूप में साबित होगा. क्रायोजेनिक स्टोरेज की योजना इसलिए बनाई जा रही है की नेचुरल गैस को लिक्विड के रूप में बंदरगाह पर स्टोर किया जा सके. जब पानी के जहाज पर पहुंचेंगे तो इंधन की आपूर्ति वहीं से हो सके.

मरीन ऑयल की तुलना में एलएनजी को कम प्रदूषण फैलाने वाला गैस माना जाता है. पानी में चलने वाले जहाजों में पिछले वर्षों से एलएनजी गैसों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है. अप्रैल 2018 में इंटरनेशनल मैरिटाइम ऑर्गेनाइजेशन ने इस तकनीकी को अपनाया था ग्रीन हाउस गैसों से उत्सर्जन रोकने के लिए इलेक्ट्रिक शिप की तरफ शिफ्ट होने का फैसला किया था.
भारत में स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने कई बड़े बड़े कदम उठा रहे हैं.पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस सेल के मुताबिक भारत के स्वच्छ ईंधन की जरूरत का करीब आधा आयातित एलएनजी से पूरा किया जाता है. फर्टिलाइजर सेक्टर एनर्जी का सबसे अधिक उपयोग करता है जिसकी जरूरत का 70% एलएनजी से प्राप्त किया जाता है.
इसी तरह की जानकारी के लिए इस वेबसाइट को सब्सक्राइब करें ताकि आने वाली नई खबर की नोटिफिकेशन सबसे पहले आप तक पहुंचे.
I may need your help. I tried many ways but couldn’t solve it, but after reading your article, I think you have a way to help me. I’m looking forward for your reply. Thanks.