देश की सबसे बड़ी पैकेज वाटर कंपनी बिसलेरी को टाटा कंजूमर ने 7000 करोड़ में खरीद लिया है. बिसलेरी को खरीदने में नेस्ले और रिलायंस की कंपनियां भी शामिल थी लेकिन बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान ने अपनी कंपनी को टाटा के हाथों बेचने का निर्णय किया. रमेश चौहान ने इस कंपनी को साल 1969 में चार लाख में खरीद खरीदा था इसलिए बिसलेरी को बेचने का फैसला रमेश चौहान के लिए इतना आसान नहीं था. रमेश चौहान ने इस कंपनी को बहुत लंबे समय से चलाते आ रहे हैं उनकी सेहत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. उन्होंने कहा है कि जिस कंपनी को मैंने अपना बच्चा की तरह पाला है उससे वह मरने नहीं नहीं दे सकते.

टाटा कंजूमर द्वारा बिसलेरी को खरीदने के बाद गुरुवार के दिन उनके शेयरों में लगभग 3 फ़ीसदी की उछाल देखने को मिली जिस कारण टाटा कंज्यूमर के शेयर 795 के लेबल पर पहुंच गए हैं.
Share बाजार: एक्सपर्ट का कहना है कि यदि टाटा कंजूमर के शेयरों में निवेश करके पैसा कमाना चाहते हैं तो आपके लिए अभी भी भरपूर मौका है. बिसलेरी कंपनी 2 साल तक रमेश चौहान के नेतृत्व में काम करेगा टाटा ग्रुप ने इसके बारे में कहा है. वह रमेश चौहान और बिसलेरी के मौजूद प्रबंधकों को मदद करेंगे और पहले से ज्यादा अकर्मक तरह से कामकाज को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे.
टाटा कंजूमर के शेयर 31 अक्टूबर को 761 रूपये के लेवल पर था अब 793 रूपये के लेवल पर आ गया है. एक महीने में टाटा का शेयर निवेशकों को 3.42 फीसदी का रिटर्न दिया है. 6 महीने के बाद करे तो टाटा कंज्यूमर के शेयर 706 के लेबल पर कारोबार कर रहा था वहां से निवेशकों को करीब 11 फीसदी का रिटर्न दिया है.
बाजार में एक्सपोर्ट को कहना है कि कारोबार बढ़ने से टाटा कंज्यूमर का मुनाफा बढ़ सकता है और अगले कुछ दिनों में टाटा कंजूमर के शेयरों से लगभग 10 फीसदी तक रिटर्न का रिटर्न कमाने का मौका मिल सकता है.
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