बाजार में इन्फ्लेशन बढ़ने के बाद भी आईटी सेक्टर में तेजी देखने को मिल रही है. बैंकिंग सेक्टर में तेजी को लेकर फर्स्ट ग्लोबल (First global) की चेयरमैन मोहरा की राय है की, बाजार है यहाँ हमेशा बदलाव देखने को मिलता रहता है. इसके लिए निवेशकों को पहले से ही तैयार रहना चाहिये. आज कल बैंकिंग सेक्टर और फिनेंशियल सेक्टर में बहुत बढ़ी हरियाली देखने को मिल रही है, जिस वजह से लगातार निवेशक अपनी खरीदारी बढ़ा रहे है.
हालांकि, बड़े- बड़े निवेशक बैंकिंग सेक्टर और फाइनेंशियल सेक्टर को अपनी पोर्टफोलियो में रखने से कतराते है. उनका मानना है ये सेक्टर आधिक जोखिम और लेवरेज होता है. वर्तमान में अधिकांश निवेशक बैंकिंग सेक्टर में होल्डिंग बढ़ा रहे है. उनका मानना है की बैंकिंग सेक्टर में नॉन परफोर्मिंग ऐसेस्ट की खतरा काम होते है और क्रेडिट की संख्या में बढ़ोतरी देखने को भी मिल रही है, जिस कारण निवेशक अंधा-धुन बैंकिंग सेक्टर को अपना पोर्टफोलियो का घोडा बना रहे है और बैंकिंग सेक्टर में फायदे का दाव लगा रहे है.

एक्सपर्ट का कहना है की जब बीकाजी और मेदांता का IPO बाजार में आ जायेगा तब इसपर बिचार किया जायेगा साथ ही साथ कहते है की छोटे कंपनी में खरीदारी करना बहुत जोखिम होता है, जिस वजह से बढे निवेशक स्मालकैप कंपनी से बचना चाहते है. ये जरुरी नहीं है की पैसा बनाने के लिये बढे कंपनियों का शेयर ही खरीदे, छोटे कंपनी भी सही होते है.
एक्सपर्ट का कहना है की बड़े निवेशक इन्डस्ट्रीअल कंपनी कैपिटल वाले कंपनी उन्हें काफी फायदेमंद दिखता है. एक्सपर्ट और आगे कहते है की कॉम्पोनेन्ट बनाने वाली कंपनी, केमिकल बनाने वाली कंपनी और दवा बनाने वाली कंपनी उन्हें काफी पसंदीदा होते है.
एक्सपर्ट का कहना है की बाजार और इकोनॉमिक्स दोनों अलग-अलग होते है. उनका कहना है ग्लोबल इकोनॉमिक्स अच्छी होने से ये जरुरी नहीं है की भारत की भी इकोनॉमिक्स अच्छी हो. उन्होंने आगे कहा की विश्व की इकोनॉमिक्स हो या भारत की इकोनॉमिक्स किसी प्रकार की गड़बड़ी होने से ये जरुरी नही है की भारतीय बाजार पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. बाजार अपने तरह से रिऐक्ट करता है, जैसे की वर्तमान में कुछ सेक्टर कर रहे है.
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