कंपनी के फाउंडर अपने प्रोडक्ट के बारे में बताते हैं
flatheads के फाउंडर गणेश बालकृष्णन ने कहा, शार्क्स (sharks) जब आप घर लौटते हो तो सबसे पहले क्या करते हो, अपने जूते उतारते हो ना. इंडिया की गर्मी में आपके पैर जैसे इन जूतों में माइक्रोवेव की तरह पक रहे होते हैं, जिसकी वजह से आते हैं पसीने की बदबू. और तो और इतने भारी कि ऐसा लगता है सनी पाजी के ढाई किलो के हाथ आपके पैर में बंधे हो. आप कपड़े तो कई किस्म के पहनते होंगे लेकिन सबसे ज्यादा कंफर्टेबल आप सिर्फ होते हो फेवरेट टी-शर्ट में. वही, टीशर्ट वाली फिलिंग्स आपके जूते के लिए लेकर आए हैं हम.”

उन्होंने आगे कहा कि इसकी शुरुआती कीमत 1000 से लेकर 5000 के बीच में है और यह मेड इन इंडिया है, जिस कारण भारतीय लोग गौरवान्वित महसूस करते हैं. हमारे जूते को आप अमेजॉन, myntra और हमारे वेबसाइट पर जाकर buy कर सकते हैं.”
Flatheads की शुरुवात इस साल से हुई
गणेश बालकृष्णन कहते हैं कि वह एक मैकेनिकल इंजीनियर है और उन्होंने आईआईटी मुंबई से पढ़ा है. उसके बाद उन्होंने यूएस में काम किया वहां पर लीडरशिप प्रोग्रामिंग में थे. इसके बाद वर्ष 2004 में वह बेंगलुरु आ गए और उन्होंने एमबीए किया. एमबीए करने के बाद कंसलटिंग की जॉब करने लगे, कंपनी में. उसके बाद वह हनीवेल ज्वाइन किया. हनीवेल में 20 मिलियन डॉलर का पोर्टफोलियो इंप्लीमेंट किया था, इंडिया फॉर इंडिया बिजनेस के लिए.
वे आगे बताते हैं कि वहां पर उन्हें को–फाउंडर मिले, जो डिजाइनर थे. वहां से उन्होंने 10 साल की entrepreneurship की जर्नी शुरू की, जिसमें उन्होंने तीन स्टार्टअप किए. उनके पहले स्टार्टअप का नाम मोमो (MOMOE) था. इसके बाद शॉपक्लूज ने उन्हें एक्वायर किया. 2018 के बाद शॉपक्लूज से वह निकल गए और उन्होंने फ्लैटहेडस (Flatheads) के बारे में सोचना शुरू किया. नवंबर 2019 में उन्होंने flatheads की शुरुआत की. कोरोना pandemic के बावजूद उन्होंने 20000 से भी ज्यादा कस्टमर्स को, अपने प्रोडक्ट को बेचा.
कंपनी नाम | Flatheads |
फाउंडर | गणेश बालकृष्णन |
फाऊंडेड | नवंबर 2019 |
कैटेगरी | फैशन |
हेडक्वार्टर | बैंगलोर |
asked for | 75 लाख 3% इक्विटी के साथ |
final deal | नो डील |
Sharks | कोई नहीं |
वेबसाइट | Visit now |
Buy | Amazon , myntra |
अनुपम मित्तल ने सवाल किया, जूते की कंपनी क्यों शुरू की?
जवाब– उन्होंने कहा कि एक तो यह जूते की प्रॉब्लम और फिटिंग की जो प्रॉब्लम है, वह मुझे कुछ सालों से है.
आखिर किस Sharks ने लगाया पैसा, flatheads में
Flatheads एक नामी कंपनी है. आप इसका अंदाजा इस बात से लगा लीजिए कि कुछ शार्क्स इस कंपनी के बारे में पहले से जानते थे. क्योंकि वह इस कंपनी के पहले ही कस्टमर रह चुके हैं. कंपनी के फाउंडर की कहानी से sharks इंस्पायर्ड तो हुए. परंतु उन्होंने निवेश करने से खुद को रोका. अंत में लेंसकार्ट के को फाउंडर पियूष बंसल और विनीता सिंह एक ऑफर देते हैं, 75 लाख 33.3% इक्विटी के साथ यानी कंपनी का वैल्यूएशन 2.25 करोड़ पर. गणेश इसके लिए कुछ समय मांगते हैं और अपने एडवाइजर और इन्वेस्टर्स के पास कॉल करते हैं. उनके इन्वेस्टर्स उन्हें समझाते हैं कि यह डील अच्छी है परंतु गणेश को यह ऑफर अच्छा नहीं लगा और उन्होंने कंपनी को बंद करने के बारे में सोचा.
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