कंपनी के फाउंडर अनिकेत डोएगर(aniket doegar) ने कहा, हेलो शार्क्स (sharks) 140 करो लोग भारत की आबादी है 90 करोड़ लोग ऐसे हैं जो गरीब तबके के हैं जिनके लिए सरकार हर साल 13000 से ज्यादा गवर्नमेंट स्कीम और प्रोग्राम बनाती है. 20 लाख करोड़ पिछले साल के सरकारी योजनाओं का बजट रहा. सरकार इन लोगों के लिए योजनाएं बनाती है ताकि यह लोग इकोनामी और सोशल कंडीशन से ऊपर आ सके. पर आज भी यह सारी स्कीम लोगों तक नहीं पहुंच पाती इसका दो मुख्य रीजन है या तो उसको उसकी पूरी जानकारी नहीं होती. अगर उनको जानकारी होती भी है तो लास्ट तक एप्लीकेशन और डॉक्यूमेंट सपोर्ट्स उनको नहीं मिल पाता.”
हकदर्शक(haqdarshak) क्या है?
हकदर्शक एक मोबाइल और वे प्लेटफार्म है, जो लोगों को सरकारी स्कीम के बारे में और एलिजिबिलिटी के बारे में बताता है. यही नहीं, हकदर्शक अपने एजेंट के जरिए, लोगों को एप्लीकेशन और डॉक्यूमेंट सपोर्ट भी करता है, जब तक की उन्हें इस स्कीम का सही लाभ न पहुंचे. हकदर्शक का नया प्रोडक्ट सिटीजन के लिए है, जो सिटीजन को उनके स्कीम मोबाइल एप्लीकेशन में बताता है. हकदर्शक की वजह से पिछले 6 सालों में 25 लाख लोगों को कमेंट स्कीम का फायदा हुआ है और 50,000 माइक्रो बिजनेस को भी गवर्नमेंट प्रोग्राम के बारे में बताया. यही नहीं, इसके जरिए सरकारी स्कीम के 5000 करोड़ रुपए लोगों तक पहुंचे.
हकदर्शक तेजी से लोगों को अपना हक दिला रहा है. हकदर्शक में 25 हजार से ज्यादा एजेंट है जो लोगों की सेवा में दिन-रात तत्पर रहते हैं. पूरे भारत में हकदर्शक के 50 सेंटर हैं. हकदर्शक का लाभ उठाने के लिए छोटी सी राशि आपको देनी पड़ती है तभी जाकर आप सरकारी स्कीम का सही लाभ उठा पाएंगे.
हकदर्शक(haqdarshak) की शुरुवात कैसे हुई?

जैसा कि आप जानते हैं, हकदर्शक के फाउंडर अनिकेत डोएगर हैं. उन्होंने साल 2015 में इस कंपनी की शुरुआत की. उनके शुरुआत करने के पीछे बहुत बड़ा कारण रहा. जी हां, वह बताते हैं कि वह अपनी बोर्ड की पढ़ाई शिमला से करने के बाद, अंडर ग्रेजुएशन के लिए श्री राम कॉलेज में एडमिशन लिया. उन्होंने कॉमर्स से अंडर ग्रेजुएशन किया परंतु उन्हें आर्ट्स के सब्जेक्ट(खासकर अर्थशास्त्र) में ज्यादा दिलचस्पी थी. वे कई जगह रूरल इलाकों में अर्थशास्त्र पढ़ाने लगे. वह रूरल दिल्ली, रूरल महाराष्ट्र, रूरल राजस्थान जगहों पर पढ़ाया. उन्हें समझ आया कि कई ऐसे लोग हैं जी ने सरकारी स्कीम का फायदा नहीं हो रहा है सरकार तो साल भर में कई स्कीम तो लेकर आती है लेकिन गरीब तबके लोग को अंडरस्टैंडिंग ना होने की वजह से, उन्हें लाभ नहीं मिल पाता. इसके बाद वह हकदर्शक कंपनी शुरुआत करते हैं.
कंपनी नाम | हकदर्शक(haqdarshak) |
फाउंडर | अनिकेत डोएगर |
Founded | 2015 |
Shark tank india (एपिसोड) | एपिसोड 6 |
Air date | 9 जनवरी 2023 |
asked for | 1 करोड़ 0.5% इक्विटी के लिए (Valuation – 200 करोड़) |
काउंटर ऑफर | 1 करोड़ 1.5% इक्विटी के लिए (Valuation – 150 करोड़) |
फाइनल डील | 1 करोड़ 2% इक्विटी के लिए (Valuation – 50 करोड़) |
शार्क्स | पियूष बंसल |
हेडक्वार्टर | बैंगलोर |
वेबसाइट | Visit now |
हकदर्शक(haqdarshak) में इस शार्क्स ने लगाया पैसा
कंपनी के फाउंडर ने 0.5% इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये का अनुरोध किया. पीयूष बंसल अपने प्रस्ताव को स्वीकार करता है, 2% इक्विटी के लिए 1 करोड़, लेकिन अनुपम ने जोर देकर कहा की कि मार्जिन हमेशा उनके बिजनेस मॉडल की मुख्य बाधाओं में से एक रहेगा. इसके बाद नमिता और अमन एक प्रतिस्पर्धी प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं, लेकिन वे इसमें ऋण जोड़ते हैं। वे रुपये का निवेश करना चाहते हैं, 10% इक्विटी पर ऋण में 50 लाख और 1% इक्विटी में 50 लाख. उसके बाद अनिकेत एक काउंटर ऑफर करता है, 1 करोड़ रुपए 1.5% इक्विटी के लिए. पीयूष ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई, और रुपये के लिए समझौता किया, 1 करोड़ 2% इक्विटी के लिए. उसके बाद डील पक्की हो जाती है.
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