व्यापार मनोरंजन

Shark Tank India : ‘वेरी मच इंडियन’ साड़ी ब्रांड में इस sharks ने लगाया पैसा

खबर शेयर करें

कंपनी ने 25 विवर(weaver) के साथ शुरू किया था और आज 400 से ज्यादा विवर कम्युनिटी है. यह कहना है कंपनी के मालकिन सलोनी गंभीर का. उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में उनकी कंपनी ने एक क्लाइंट(client) के लिए 1.88 लाख में एक साड़ी बना रही है, जिसे बनाने में लगभग 2.5 महीने लगेंगे शार्क्स इस बात को सुनकर चौंक जाते हैं.

स्त्रोत: सोनी टीवी
Company(कंपनी)Very Much Indian
संस्थापकसलोनी गंभीर और उनके पति
श्रेणीहैंडलूम साड़ी
valuation15–17 करोड़
फंडिंग एस्केड50 लाख फॉर 3% इक्विटी
शार्क्स इंवेस्टेड मनी50 लाख फॉर 10% इक्विटी
शार्क्स इंवेस्टेड नमिता थापर और अमन गुप्ता

Very Much Indian Company headquarter: TEERTH TOWERS, D504, behind Mercedes Benz Showroom, near Vibgyor school, Balewadi, Pune, Maharashtra 411045

बोट(Boat) कंपनी के को फाउंडर अमन गुप्ता ने कहा कि यह पावरलूम में नहीं बन सकता क्या ? इस पर सलोनी गंभीर ने कहा कि यह पावर लूम में नहीं बन सकता अगर बनेगा भी तो इसमें पोट्रेट्स नहीं आते आपको कुछ मिक्सिंग करनी पड़ती है. सूरत के मार्केट मैं सभी साड़ियां तो बनती है, पर उसमें डुप्लीकेट पैठणी साड़ियां बनती है. बनारस में भी बहुत डुप्लीकेट पैठणी साड़ियां बनती है.

shaadi.com के फाउंडर अनुपम मित्तल ने कहा, आज वॉल्यूम देखकर थोड़ा जज्बाती हो गया क्योंकि मुझे याद आया मेरे पिताजी ने बहुत साल पहले पिताजी हैंडलूम से फैब्रिक बनाते थे, भवेंड में. मैं बहुत छोटा था मुझे ज्यादा समझ नहीं थी लेकिन वह मोमेंट आज याद आया, जहां मैं उंगली पकड़कर यह लूम्स देखता था, जब मैं वहां खड़ा था. मुझे बिल्कुल ऐसे लगा और एंटरप्रेन्योर बनना तभी ठान लिया. आज आपने वह मोमेंट (moment) याद दिला दिया.

उसके बाद ‘very much indian’ कंपनी के मालिक ने भी अपनी कहानी बताई, “मेरे दादाजी ने भारत-पाकिस्तान का पार्टीशन हुआ था तो वह काम की तलाश में इधर उधर चले गए थे. उन्होंने (दादाजी) यह शुरू किया था.” स्टार्टअप कंपनी का सामना लेंसकार्ट (lenskart) के सीईओ पियूष बंसल से हुआ उन्होंने एक प्रश्न किया कि आपने जब मार्केटिंग की जॉब छोड़ी तो कब कैसे आया कि वह लेगेसी को आपको वापस लाना है ? तो इस पर सलोनी ने शानदार जवाब दिया और कहा कि “मुझे यह करना ही था.”

कंपनी के मालिकन ‘सलोनी गंभीर’ ने फीमेल जजेस यानी शार्क्स को सरप्राइज दिया. उन्होंने विनीता सिंह और नमिता थापर के लिए हैंडलूम साड़ियां लाई, जिसके बाद विनीता सिंह और नमिता थापर ने हैंडलूम साड़ी पहनी. कंपनी के मालकिन सलोनी गंभीर ने कहा कि “मुझे बहुत खुशी हो रही है कि शार्क्स मेरी साड़ी पहन कर बैठे हैं.”

Annual sales growth(%)Estimated EarningsYears(साल)
0.00%17 लाख2018–19
17.6%20 लाख2019–20
225.0%65 लाख2020–21
130.8%1.5 करोड़2021–22
Gross margin – 35%

वेरी मच इंडियन(very much indian) startup का एवरेज टिकट साइज 10 हजार है. कंपनी का ग्रॉस मार्जिन (Gross margin) 35% है.

इस शार्क्स ने पहला ऑफर दिया

‘शार्क टैंक शो’ में वेरी मच इंडियन कंपनी में नमिता थापर ने पहला ऑफर दिया. उन्होंने कहा कि 50 लाख– 10% एंटीक्विटी के लिए. इसके बाद shaadi.com के फाउंडर अनुपम मित्तल ने कहा कि आप इन्वेस्टमेंट क्यों चाहते हैं?

जवाब– कंपनी के मालिक ने कहा, हम यहां से 1.5, 2.5 करोड़, 3 करोड़ स्केल कर सकते हैं, उससे ज्यादा नहीं. उससे ज्यादा स्किलअप करने के लिए स्टॉक भी लेना पड़ेगा. आज की डेट में बात करें तो इंडियन के पास सेटअप पूरा है. कम्पनी की मालकिन ने कहा कि, “हमारा सबसे बड़ा चैलेंज यह है कि इतनी मेहनत के बाद इतनी महंगी साड़ी ऑनलाइन खरीदना, एक नए ब्रांड से सबको मुश्किल होता है क्योंकी थोड़ा सा ट्रस्ट कराना चैलेंज है. आप लोगों के नाम हमारे साथ जुड़ गए तो हमारा ट्रस्ट ऑटोमेटिक बिल्ड हो जाएगा.”

लेंसकॉर्ट के को–फाउंडर पियूष बंसल बाहर हो जाते हैं

लेंसकार्ट के को फाउंडर पियूष बंसल इससे बाहर हो जाते हैं क्योंकि उनका मानना है कि नमिता ने अच्छा ऑफर दिया है तो इसलिए वे बाहर हो जाते हैं. शो के दौरान पियूष बंसल ने कहा कि मैं अभी इस से बाहर होना चाहूंगा अगर नमीता नहीं ऑफर नहीं दी होती तो शायद मैं सोचता.

विनीता सिंह भी बाहर हो जाती हैं

उन्होंने कहा, “मेरे ख्याल से इसको बहुत बड़ा बनाने के लिए आपका जो यह फैशन और नॉलेज है और हैंडलूम का प्रोसेस है इसका जो एफर्ट जाता है. इस कंपनी को मार्केटिंग की जरूरत है. मेरे ख्याल से नमिता एक अच्छी पार्टनर है. इसलिए मैं पार्टनर नहीं बन पाऊंगी”

अनुपम मित्तल भी बाहर हो जाते हैं

अनुपम ने कहा, “मुझे लगता है आजकल की मिलेनियर और गेन्जी को देखकर वो इनकी गारमेंट्स में जाती नहीं तो आपको ना कि अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करनी पड़ेगी आपको कैटेगरी की मार्केटिंग करनी पड़ेगी. क्योंकि मेरी खुद की इन में रूचि नहीं है, इस वजह से मैं बाहर होना चाहूंगा.”

नमिता थापर और अमन गुप्ता ने डील पक्की की

वेरी मच इंडियन कंपनी में इनकी ओर के फाउंडर नमिता थापर और बोट कंपनी के को फाउंडर अमन गुप्ता फाइनली इस डील को एक्सेप्ट करते हैं. परंतु उन्होंने 5000000, 10% इक्विटी के साथ कंपनी में पैसा लगाया. हालांकि, ‘वेरी मच इंडियन’ के मालिक के तरफ से एक काउंटर ऑफर दिया जाता है, 75 लाख– 10% इक्विटी. अंत में 50 लाख 10% इक्विटी के साथ डील पक्की हो जाती है.

इसी तरह की जानकारी के लिए इस वेबसाइट को सब्सक्राइब करें ताकि आने वाली नई खबर की नोटिफिकेशन सबसे पहले आप तक पहुंचे.


खबर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *