कंपनी के फाउंडर ने कहा, “शार्क्स, यह हमारा सबसे पुराना और सबसे वफादार, सबसे भरोसेमंद साथी. पहले विश्व युद्ध से दूसरे विश्व युद्ध में भारतीय सेना के साथ जंग में गया. भारत का पहला रॉकेट लॉन्च हुआ, इस साइकिल से यह मुमकिन हो पाया. मिल्क रिवोल्यूशन आया, तो घर-घर में दूध इस साइकिल से पहुंचा. यह साइकिल 58 परसेंट लोगों की जरूरत है. बदलते समय के साथ यह धीमा पड़ता गया.”
किस शार्क ने पैसा निवेश किया ?
कंपनी के फाउंडर गुरसौरव ने शार्क्स को एक ऑफर दिया, उन्होंने शार्क से कोई कैपिटल नहीं मांगा. बल्कि, कैपिटल के बदले शार्क 0.5% इक्विटी के लिए अपना 100 घंटा दे. जिसके बाद सभी sharks हैरान हो गए थे. क्योंकि शार्क टैंक के इतिहास में पहली बार हो रहा था, कोई कैपिटल के बदले शार्क से अपना समय मांगे.

Shark Anupam’s Offer 100 Hours of Time for 0.5% Equity लेकिन Condition यह है कि Dhruv Vidyut को ₹1 करोड़ रेज करना होगा. Shark Peyush & Shark Aman’s Offer 100 Hours of Time for 0.5% EquityConditionशार्क पीयूष और अमन इस बिज़नेस के पहले इन्वेस्टर बनेंगे(शार्क पीयूष बंसल की फक्ट्री है गुरुग्राम में, वहाँ फाउंडर को एक पूरा मंजला काम करने को मिलेगा और उन्हे लोगों की मदद भी दिलाय जाएगा और शार्क पीयूष एक हफ्ते में एक बार आएंगे और बात करके जाएंगे. 18 महीने में 100 घंटे हो ही जायेंगे और फिर बिज़नेस का सब काम किया जा सकता है).
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